A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

Devotees who chant these verses with rigorous love grow to be prosperous through the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to get youngsters, have their needs fulfilled immediately after partaking of Shiva-Prasad with religion and devotion.

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। shiv chalisa lyricsl निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो Shiv chaisa वेद भी समर्थ नहीं हैं।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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